Monday, December 9, 2013

टक्कर मारी, गलती मानी, किया भुगतान- इस व्यवहार को सलाम

पिछले दिनों मैं अपनी बाइक की सर्विस कराने के लिए हीरो के सर्विस सेंटर जा रहा था। तभी एक मोड़ पर छोटा सा जाम लग गया। मेरे आगे जो फोर व्हीलर गाड़ी थी, उसने अचानक से बैक करना शुरू किया। यह काम उसने बिना पीछे देखे किया। यहां तक कि बैक करने का सिगनल भी नहीं दिया। उसके ठीक पीछे मैं था, मैं चिल्लाया लेकिन तब तक उसकी गाड़ी मेरी बाइक को टक्कर मार चुकी थी। ड्राइवर को जब आभास हुआ तो वह गाड़ी से उतरकर नीचे आया। मेरी बाइक का अगला मड गार्ड टूट गया था। मैं गुस्से से तमतमा रहा था, कुछ कहता इससे पहले ही उसने अपनी गलती मान ली। वहीं मुझे अपना होने वाला फालतू खर्च नजर आने लगा। मैंने उससे कहा कि इसके लिए उसे पे करना होगा। उसने मान भी लिया। उसने मुझे अपना कार्ड देते हुए कहा कि अभी वह जल्दी में हैं कृपया बाद में दिए गए नंबर पर संपर्क कर लूं। जब सामने वाला सहज हो तो शिष्टाचार का तकाजा यही होता है कि आप भी सहजता बरकरार रखें। जब उस शख्स को मैंने फोन किया तो उसने कहा कि मैं उसे बिल दे दूं और वह पे कर देगा। एक बेहद सुखद आश्चर्य हुआ जब उस शख्स ने बिल लेने के बाद मुझे भुगतान किया। हालांकि, भुगतान उसका कंपनी ने किया लेकिन सच यही है कि भुगतान किया गया। यह आज के अराजकता वाले दौर में बड़ी बात है।


नोट- भारतीय सड़कों पर रोज कुछ न कुछ होता है लेकिन गलती मानने का माद़दा बहुत कम लोग रखते हैं। लोग तो लड़ाइयों और मारपीट पर उतर आते हैं। उस शख्स का व्यवहार तारीफ के काबिल है। इसीलिए उसकी प्रशंसा के साथ मैं यह अनुभव शेअर कर रहा हूं। 

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